Question -
Answer -
19वीं शताब्दी में दक्षिण अफ्रीका में हीरा और स्वर्ण धातुओं के खनन का कार्य बड़ी तेजी से किया जाने लगा। इसके लिए ब्रिटेन, फ्रांस जैसे बड़े यूरोपीय देशों ने अपने-अपने खोजी दलों का गठन किया जिन्होंने अफ्रीकी महाद्वीप के भयंकर परिस्थितियों का सामना करते हुए इसके विभिन्न क्षेत्रों के नक्शे बनाए और यहाँ तक पहुँचने के रास्ते खोजे । बाद में इन्होंने अफ्रीका का बँटवारा किया जिसे अफ्रीका का कागजी बँटवारे के नाम से जाना जाता है।
अफ्रीका की इन खानों पर ज्यादातर ब्रिटेन व फ्रांस की कंपनियों का नियंत्रण था। इन खादानों में कार्य करने वाले ज्यादातर अफ्रीकी होते थे। इनकी स्थिति बड़ी दयनीय होती थी। उनसे अत्यधिक कार्य लिया जाता था। इनकी सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाता था। इनको बाड़ो में बंद कर दिया जाता था तथा इनको खुलेआम घूमने-फिरने नहीं दिया जाता था। यदि कोई मजदूर भागने का प्रयास करता तो उसे पकड़ लिया जाता था तथा कठोर दंड दिया जाता था, कभी-कभी तो जान से भी मार दिया जाता था।