Question -
Answer -
18वीं सदी के अंत में और 19वीं सदी के प्रारंभ में फैक्टरियों में बहुत सारी औरतें काम करती थीं। जैसे-जैसे तकनीक में
सुधार आया, कारखानों में औरतों की नौकरियाँ छिनने लगीं और वे घरेलू कामों में सिमट कर रह गईं। 1861 की जनगणना से पता चला कि लंदन में लगभग ढाई लाख नौकर हैं। उनमें औरतों की संख्या बहुत ज्यादा थी। उनमें से अधिकांश हाल । ही में शहर में आई थीं। बहुत सारी औरतें परिवार की आय बढ़ाने के लिए अपने मकानों का भी इस्तेमाल करती थीं। वे या तो किसी को भाड़े पर रख लेती थीं या घर पर ही रहकर सिलाई-बुनाई, कपड़े धोने या माचिस बनाने जैसे काम करती थीं। 20वीं सदी में हालात फिर बदले। जब औरतों को युद्धकालीन उद्योगों और दफ्तरों में काम मिलने लगा तो वे घरेलू काम छोड़कर फिर बाहर आने लगीं।