Question -
Answer -
उदारवादियों की 1848 की क्रांति वास्तव में तब हुई जब कई यूरोपीय देशों में बेरोजगारी, भूखमरी तथा गरीबी का वातावरण था। इस क्रांति को लाने में मध्यम वर्ग का बहुत बड़ा योगदान था, जिस कारण सभी देशों में कई व्यापक परिवर्तन हुए। इनमें प्रमुख राजनैतिक, सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन इस प्रकार हैं :-
राजनैतिक क्षेत्र में परिवर्तन
- राजतंत्र का अंत करके गणतंत्र की स्थापना की गई।
- सार्वजनिक मताधिकार के आधार पर निर्मित जन-प्रतिनिधि सभाओं के निर्माण के प्रयास आरंभ हुए।
- जर्मनी, इटली, पोलैंड, ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्यों में उदारवादी मध्यम वर्गों के स्त्री-पुरुषों ने संविधानवाद की माँग को राष्ट्रीय एकीकरण की माँग के साथ जोड़ा।
- उदारवादियों ने ऐसे राष्ट्र राज्यों के निर्माण की माँग पर जोर दिया जो संविधान, प्रेस की स्वतंत्रता और संगठन बनाने जैसे संसदीय सिद्धांतों पर आधारित हो।
- महिलाओं को राजनैतिक मताधिकार दिए जाने की माँग की जाने लगी।
सामाजिक क्षेत्र में परिवर्तन
- महिलाओं को पुरुषों के समान दर्जा दिया जाने लगा तथा उनकी सभी क्षेत्रों में भागीदारी को महत्त्व व सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा।
- कुलीन वर्ग की अपेक्षा मध्यम वर्ग के सभी क्षेत्रों (राजनैतिक, आर्थिक व सामाजिक) में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी जिससे कुलीन वर्ग की श्रेष्ठता कम हुई।
आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तन
- मजदूरों और कारीगरों ने भी अपनी माँगों के लिए प्रदर्शन व आंदोलन का मार्ग अपनाया।
- भू-दासता और बंधुआ मजदूरी का अंत किया गया।
- बाज़ारों की मुक्ति, चीजों तथा पूँजी के स्वतंत्र आदान-प्रदान की माँग ने जोर पकड़ा ताकि व्यापारिक उन्नति के मार्ग खुलें।