Question -
Answer -
(क) उपनिवेशवाद में आर्थिक शोषण के अतिरिक्त उपनिवेशों को सभ्य बनाने का विचार भी काम कर रहा था। जिस तरह भारत के अंग्रेज़ दावा करते थे, उसी प्रकार फ्रांसीसियों का दावा था कि वे वियतनाम के लोगों को आधुनिक सभ्यता से परिचित करा रहे हैं। उनका विश्वास था कि यूरोप में सबसे विकसित सभ्यता कायम हो चुकी है। इसलिए वे मानते थे कि उपनिवेशों में आधुनिक विचारों का प्रसार करना यूरोपियों को ही दायित्व है और इस दायित्व की पूर्ति करने के लिए अगर उन्हें स्थानीय संस्कृतियों, धर्मों व परंपराओं को भी नष्ट करना पड़े तो इसमें कोई बुराई नहीं है। वैसे भी यूरोपीय शासक इन संस्कृतियों, धर्मों, परंपराओं को पुराना व बेकार मानते थे। उन्हें लगता था कि ये चीजें आधुनिक विकास को रोकती हैं।
(ख) हुइन फू सो-हुइन फू सो ‘होआ हाओ’ आंदोलन के संस्थापक थे। यह आंदोलन 1939 में शुरू हुआ था। यह आंदोलन 19वीं सदी के उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलनों में उपजे विचारों से प्रेरित था । हुइन फू सो जादू-येना और गरीबों की मदद किया करते थे। व्यर्थ के खर्चे के खिलाफ़ उनके उपदेशों का लोगों पर काफी असर था। वे बालिका वधुओं की खरीद-फरोख्त, शराब व अफ़ीम के प्रबल विरोधी थे। फ्रांसीसियों ने हुइन फू सो के आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया। उन्होंने फू सो को पागल घोषित कर दिया। फ्रांसीसी उन्हें पागल बोन्जे कहकर बुलाते थे। 1914 में फ्रांसीसी डॉक्टरों ने मान लिया कि वे पागल नहीं हैं। इसके बाद उन्हें वियतनाम से निष्कासित करके लाओस भेज दिया।