Question -
Answer -
(a) विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र धातु टंगस्टन का उपयोग किया जाता है, क्योंकि यह उच्च गलनांक (3380°C) की एक प्रबल धातु है, जो अत्यंत तप्त होकर प्रकाश उत्पन्न करते हैं, परंतु पिघलते नहीं।
(b) विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रातुओं (मिश्र धातुओं) के निम्न कारणों से बनाए जाते हैं|
- मिश्र धातुओं की प्रतिरोधकता शुद्ध धातुओं की तुलना में अधिक होती है।
- उच्च ताप पर मिश्रातुओं का उपचयन (ऑक्सीकरण) शीघ्र नहीं होता है।
- ताप वृद्धि के साथ इनकी प्रतिरोधकता में नगण्य परिवर्तन होता है।
(C) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग निम्नलिखित कारणों से नहीं किया जाता है
- विभिन्न उपकरणों (युक्तियों) के साथ अलग-अलग स्विच ऑन/ऑफ के लिए नहीं लगा सकते। एक
- उपकरण खराब होने पर दूसरा भी कार्य करना बंद कर देता है। |
- श्रेणीक्रम संयोजन में सभी युक्तियों या उपकरणों से समान धारा प्रवाहित होती है, जिसकी हमें आवश्यकता नहीं है।
- परिपथ का कुल प्रतिरोध (R = R1+ R2 + …….) अधिक होने के कारण धारा का मान अत्यंत कम हो जाता है।
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
i.e.,
जैसे-जैसे तार की मोटाई बढ़ेगी (अर्थात् तार का व्यास बढ़ेगा) अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल भी बढ़ेगा और तार के प्रतिरोध का मान कम हो जाएगा।
(e) विद्युत संचारण के लिए प्राय: कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग करते हैं क्योंकि
- ये विद्युत के बहुत अच्छे चालक हैं।
- इनकी प्रतिरोधकता बहुत कम है, जिसके कारण तार जल्द गर्म नहीं होते हैं।
- इनसे सुगमतापूर्वक तार बनाए जा सकते हैं।