The Total solution for NCERT class 6-12
वन एवं वन्य जंतुओं के चारों दावेदारों में से वन के अंदर एवं इसके निकट रहने वाले स्थानीय लोग सर्वाधिक उपयुक्त हैं, क्योंकि वे सदियों से वनों का उपयोग संपोषित तरीकों से करते चले आ रहे हैं। वे वृक्षों के ऊपर चढ़कर कुछ शाखाएँ एवं पत्तियाँ ही काटते हैं, जिससे समय के साथ-साथ उनका पुनः पूरण भी होता रहता है। इसके अनेक प्रमाण भी समाने आए हैं; जैसे-वनों के संरक्षण के लिए विश्नोई समुदाय का प्रयास, अराबाड़ी का सालवन समृद्ध हो गया तथा बेकार कहे जाने वाले वन का मूल्य 12.5 करोड़ आँका गया।