The Total solution for NCERT class 6-12
प्रेम को जब चटकाकर अर्थात बिना सोचे समझे झटके में तोड़ दिया जाता है तो उसे पुन: जोड़ने पर उसकी स्थिति पहले जैसी नहीं रहती है। प्रेम विश्वास की डोर से बँधा होता है। यह डोर टूटने पर पुन: नहीं जुड़ पाता। इसमें अविश्वास और संदेह की दरार पड़ जाती है, गाँठ पड़ जाती है और अतंर आ जाता है।