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Chapter 15 नए इलाके में खुशबू रचते हैं हाथ Solutions

Question - 11 : - कवि ने यह क्यों कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’?

Answer - 11 : - कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि इन गरीब मजदूरों के हाथ सुगंधित अगरबत्तियों का निर्माण करते हैं। तथा हमारे जीवन को सुख-सुविधाएँ उपलब्ध कराकर खुशबू से महकाते हैं जिससे ऐसा लगता है कि अत्यंत प्रदूषित वातावरण में रहकर भी इनके हाथ हमारे लिए सुख-सुविधाओं से भरी वस्तुओं का निर्माण करते हैं। जिससे समस्त प्राणियों के जीवन में सुगंध फैल जाती है। ये लोग स्वयं बदहाली का जीवन बिताकर दूसरे लोगों के जीवन में खुशहाली लाते हैं। इन शब्दों द्वारा कवि ने श्रमिकों के श्रम का गुणगान किया है।

Question - 12 : - जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल कैसा होता है?

Answer - 12 : - जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं वहाँ का वातावरण अत्यंत गंदगी भरा होता है। चारों ओर नालियाँ तथा कूड़े-करकट का ढेर जमा होता है। चारों ओर बदबू फैली होती है। ये सुगंधित अगरबत्तियाँ बनाने वाले ऐसे गंदे वातावरण में रहकर भी दूसरों के जीवन में खुशबू बिखेरते हैं पर ऐसे वातावरण में, ऐसी भयावह स्थितियों में रहनी इनकी विवशता है।

Question - 13 : - इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

Answer - 13 : -

इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारे समाज में सुंदरता की रचना करनेवाले गरीब
और उपेक्षित लोगों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करना है ताकि आम लोग इन गरीब मजदूरों के जीवन की वास्तविकता को जान लें और समाज में फैली विषमताओं तथा भेदभावों को मिटाने की कोशिश करें। मजदूरों और कारीगरों की दुर्दशा का चित्रण करना तथा लोगों में उनके उद्धार की चेतना जगाना भी है। कवि अगरबत्तियाँ बनानेवाले कारीगरों का प्रदूषित वातावरण में रहना दिखाकर यह कहना चाहता है कि इनके जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए ताकि इन्हें भी जीवन जीने के लिए। स्वच्छ वातावरण मिल सके।

Question - 14 : -
व्याख्या कीजिए-
(i)  पीपल के पत्ते-से नए-नए हाथ
      जूही की डाल-से खुशबूदार हाथ
(ii) दुनिया की सारी गंदगी के बीच
      दुनिया की सारी खुशबू
      रचते रहते हैं हाथे

Answer - 14 : -

(i)  
अगरबत्ती बनाने वाले हाथों में कुछ के हाथ पीपल के नए-नए पत्तों के समान कोमल हैं। आशय यह है कि कुछ नन्हे-नन्हे बच्चे भी अगरबत्ती बनाने के काम में लगे हुए हैं। कुछ हाथ ऐसे हैं जिनमें से जूही की डालों जैसी खुशबू आती है। आशय यह है कि कुछ सुंदर युवतियाँ भी अगरबत्तियाँ बनाने में लगी हुई हैं।
(ii) 
यद्यपि अगरबत्ती बनाने वाले कारीगर दुनिया भर को सुगंधित अगरबत्ती प्रदान करते हैं और वातावरण में सुगंध फैलाते हैं किंतु उन्हें स्वयं दुनिया भर की गंदगी के बीच रहना पड़ता है। उनके चारों ओर गंदगी का ही साम्राज्य रहता है। वे शोषित हैं, पीड़ित हैं।

Question - 15 : -
(ख) कवि ने इस कविता में ‘बहुवचन’ का प्रयोग अधिक किया है? इसका क्या कारण है?

Answer - 15 : - कविता में ‘हाथ’ के लिए बहुवचन का प्रयोग किया गया है। इसके माध्यम से कवि बताना चाहता है कि यहाँ एक कारीगर या एक मजदूर की बात नहीं की जा रही। यह समस्या सब मज़दूरों की है।

Question - 16 : -  कवि ने हाथों के लिए कौन-कौन से विशेषणों का प्रयोग किया है?

Answer - 16 : -

कवि ने हाथों के लिए निम्नलिखित विशेषणों का प्रयोग किया है-

उभरी नसोंवाले
घिसे नाखूनोंवाले
पीपल के पत्ते-से नए-नए
जूही की डाल-से खुशबूदार
गंदे कटे-पिटे
ज़ख्म से फटे हुए।

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