Question -
Answer -
‘हीरा वही जो घन चोट न टूटे’ कथन का संदर्भ पाठ के आधार पर यह है कि सच्चे हीरे अर्थात् किसान, देशभक्त आदि कड़ी से कड़ी परीक्षा को हँसते हुए झेल लेते हैं। वीर सैनिक और दशभक्त विपरीत परिस्थितियों में शत्रुओं से युद्ध करते हुए अपनी जान तक दे देते हैं परंतु पीठ नहीं दिखाते हैं। इसी प्रकार किसान भी सरदी, गरमी बरसात आदि की मार झेलकर फ़सल उगाते हैं। ये विपरीत परिस्थितियों में बड़े से बड़े संकटों के सामने नहीं झुकते हैं और अपना साहस बनाए रखते हैं।