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Question -

प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य-साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं? किन्हीं चार का उल्लेख कीजिए।



Answer -

(1) प्रतिदिन प्रात:काल यह भक्त कुत्ता स्तब्ध होकर आसन के पास तब तक बैठा रहता है, जब तक अपने हाथों के स्पर्श से मैं इसका संग स्वीकार नहीं करता। इतनी सी स्वीकृति पाकर ही उसके अंग-अंग में आनंद का प्रवाह बह उठता है।

(2) इस बेचारी को ऐसा कुछ भी शौक नहीं है, इसके जीवन में कहाँ गाँठ पड़ी है, यह सोच रहा हूँ।

(3) उस समय भी न जाने किस सहज बोध के बल पर वह कुत्ता आश्रम के द्वार तक आया और चिताभस्म के साथ गंभीर भाव से उत्तरायण तक गया।

(4) रोज़ फुदकती है ठीक यहीं आकर। मुझे इसकी चाल में एक करुण भाव दिखाई देता है।

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