Question -
Answer -
‘दो बैलों की कथा’ नामक इस कहानी में लेखक ने किसान जीवने वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को भावनात्मक और आत्मीय रूप में दिखाया है। झूरी किसान है। वह अपने दोनों बैलों हीरा-मोती से विशेष लगाव एवं स्नेह रखता है। वह उनके चारे-पानी का ध्यान रखता है। वह उन्हें अपमानित यो दंडित नहीं करता है। गया के घर से भाग कर आने पर वह उन्हें गले लगा लेता है।
इधर गया के साथ जा रहे बैलों के मन में भी भ्रम उत्पन्न हो जाता है कि उन्हें बेच दिया गया है। वे हर मुसीबत का सामना करते हुए भी गया के घर आने को उत्सुक रहते हैं। बैलों पर एक ओर गया जहाँ अत्याचार करता है, वही दूसरी ओर छोटी बालिका उन्हें रोटियाँ खिलाकर उनसे स्नेह करती है और भावी संकट के प्रति उन्हें सचेत करती हुई उनकी रस्सियाँ खोल देती है। इसी तरह कांजीहौस में नीलाम होने के बाद जब हीरा-मोती घर लौटते हैं तो झूरी ही नहीं उसकी पत्नी भी बैलों को माथा चूम लेती है। उनके आने से सबसे अधिक खुशी बच्चों को होती है जिससे बैलों के प्रति उनके भावनात्मक एवं आत्मीय लगाव प्रकट होता है।