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Question -

महाभारत के कुछ पात्रों के द्वारा कही गई बातें नीचे दी गई हैं। इन बातों को पढ़कर उन पात्रों के बारे में तुम्हारे मन में क्या विचार आते हैं
(क) शांतनु ने केवटराज से कहा-“जो माँगीगे दूंगा, यदि वह मेरे लिए अनुचित न हो।’
(ख) दुर्योधन ने कहा- “अगर बराबरी की बात है, तो मैं आज ही कर्ण को अंग देश का राजा बनाता हूँ।”
(ग) धृतराष्ट्र ने दुर्योधन से कहा- “बेटा मैं तुम्हारी भलाई के लिए कहता हूँ कि पांडवों से वैर न करो। वैर दुख और मृत्यु का कारण होता है।”
(घ) द्रौपदी ने सारथी प्रतिकामी से कहा- “रथवान! जाकर उन हरानेवाले जुए के खिलाड़ी से पूछो कि पहले वह अपने को हारे थे या मुझे?”



Answer -

(क) हमारा तर्क है कि राजा शांतनु अपनी सुख-सुविधा के लिए अनुचित कार्य नहीं करना चाहते थे।
(ख) दुर्योधन के इस वक्तव्य से कर्ण के प्रति सहिष्णुता एवं पांडवों के प्रति ईर्ष्या की भावना झलकती है।
(ग) धृतराष्ट्र के इस कथन से पता चलता है कि पुत्र के सामने एक विवश पिता है। उनकी कमज़ोरी उनका पुत्र है। अपने पुत्र से उचित और अनुचित की बातें कहकर अपने पुत्र को गलत करने से रोकने के लिए आगाह करता है। हमारे मन में भाव आता है कि बड़ों की बात को न मानना दुख का सबसे बड़ा कारण होता है।
(घ) इस कथन से स्पष्ट है कि द्रौपदी एक तेजस्वी एवं स्वाभिमानी नारी है। उसे नीति का ज्ञान अच्छी तरह मालूम है। हमारे विचार में भारतीय नारी को ऐसी ही तेजस्वी एवं स्वाभिमानी होना चाहिए।

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