Question -
Answer -
साहसी व्यक्ति - उनके साहसी होने का प्रमाण उनकी स्वयं की जीवन गाथा है जो अनेकों उदाहरणों से भरी है। वे इतने वृद्ध होते हुए भी अंग्रेज़ों से लोहा लेते हुए तनिक भी घबराए नहीं । अपनी पूरी उम्र उन्होंने युद्ध करने व स्वतंत्रता संग्राम में ही व्यतीत कर दी। परन्तु उनके साहस का सही परिचय तब मिलता है जब गंगा पार करते हुए अंग्रेज़ों की गोली के द्वारा घायल हाथ को बेकार होने की शंका से गंगा माँ को भेंट चढ़ा दिया। उसके बाद भी वह उसी कार्यकुशलता से अग्रेज़ों के साथ युद्ध करने में तत्पर रहे जो उनके अतुल साहस का परिचय है।
उदार व्यक्ति - वीर सिंह जी का व्यक्तित्व उदार था। वे लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे अपितु स्वयं उनकी माली हालत ठीक ना थी पर वे किसी निर्धन को खाली हाथ नहीं भेजते थे। उनकी इसी उदारता का परिचय है कि उन्होंने अनेक तालाबों, कुओं, स्कूलों, मार्गों का निर्माण करवाया था।
स्वाभिमानी व्यक्ति - कुँवर सिंह जी स्वाभिमानी व्यक्ति थे। उनका स्वाभिमान ही था कि उन्होनें अंग्रेज़ों की पराधीनता के स्थान पर उनके विरूद्ध खड़ा होकर सर उठा कर जीना स्वीकारा।