Question -
Answer -
गाँव के लोग प्रायः आर्थिक तंगी से परेशान रहते हैं। कई बार ऐसी परिस्थितियाँ आ जाती हैं जब लोग ऋण शादी-विवाह के खर्च के लिए मकान बनवाने के लिए, बच्चों की फ़ीस जमा करने के लिए, फसलों की बुआई के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए, पशु खरीदने के लिए, किसी पारिवारिक सदस्य की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए, प्रायः लोग ऋण लिया करते हैं।
यह ऋण उन्हें गाँव के ज़मीदारों व साहूकारों से मिलता है। इसके अलावे यह ऋण सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, सरकार के विभागों, डाकघर से तथा सहकारी समितियों से लोगों को विभिन्न प्रयोजनों के लिए ऋण मिलने लगा है।