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Question -

पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि-‘ये धागे / क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? / इन्हें तोड़ दो; / मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’ तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि-‘ये कैसी इच्छा / मेरे मन में जगी?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए

  1. उसे दूसरी कठपुतलियों की ज़िम्मेदारी महसूस होने लगी।
  2. उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।
  3. वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।
  4. वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।



Answer -

धागों से बँधी कठपुतलियाँ दूसरों के इशारे पर नाचना ही अपना जीवन मानती हैं लेकिन एक बार एक कठपुतली ने विद्रोह कर दिया। उसके मन में शीघ्र ही स्वतंत्र होने की इच्छा जागृत हुई और वह अपनी स्वतंत्रता के बारे में सोचने लगी। लेकिन जब उसे अपने ऊपर दूसरी कठपुतलियों की ज़िम्मेदारी का अहसास हुआ तो वह डर गई, उसे ऐसा लगा न जाने स्वतंत्रता का जीवन भी कैसा होगा? तो वह सोच-विचार करने लगी।

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