Question -
Answer -
गीतकेप्रथमचरणकीपंक्तियोंकोहमअपनेजीवनमेंघटितहोतेहुएदेखसकतेहैं।लेखकनेइनपंक्तियोंमेंसबलोगोंऔरमज़दूरोंकोसम्बोधितकरतेहुएइसप्रकारकहाहै- अगरहमअपनेजीवनमेंकंधेसेकंधामिलाकरचलेंतोजीवनकीहरकठिनाईमामूलीप्रतीतहोगी।
साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया।
सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया।
फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें।