Question -
Answer -
न०वा० सौंदलगेकर लेखक के गाँव के स्कूल में मराठी पढ़ाने वाले अध्यापक थे। वे कविता बहुत अच्छे ढंग से पढ़ाते थे। पढ़ाते समय वे स्वयं रम जाते थे। उनके पास सुरीला गला, छद की बढ़िया चाल और रसिकता थी। उन्हें पुरानी व नयी मराठी कविताओं के साथ-साथ अंग्रेजी कविताएँ भी कंठस्थ थीं। उन्हें छदों की लय, गति, ताल इत्यादि अच्छी तरह आते थे। वे स्वयं भी कविता रचते थे तथा उन्हें सुनाते थे।