Question -
Answer -
नगर नियोजन की मोहनजोदड़ो अनूठी मिसाल है; इस कथन का मतलब आप बड़े चबूतरे से नीचे की तरफ देखते हुए सहज ही भाँप सकते हैं। इमारतें भले खंडहरों में बदल चुकी हों, मगर शहर की सड़कों और गलियों के विस्तार को स्पष्ट करने के लिए ये खंडहर काफ़ी हैं। यहाँ की कमोबेश सारी सड़कें सीधी हैं या फिर आड़ी। आज वास्तुकार इसे ‘ग्रिड प्लान’ कहते हैं। आज की सेक्टर-मार्का कॉलोनियों में हमें आड़ा-सीधा ‘नियोजन’ बहुत मिलता है। लेकिन वह रहन-सहन को नीरस बनाता है। शहरों में नियोजन के नाम पर भी हमें अराजकता ज़्यादा हाथ लगती है। ब्रासीलिया या चंडीगढ़ और इस्लामाबाद ‘ग्रिड’ शैली के शहर हैं जो आधुनिक नगर नियोजन के प्रतिमान ठहराए जाते हैं, लेकिन उनकी बसावट शहर के खुद विकास करने का कितना अवकाश छोड़ती है इस पर बहुत शंका प्रकट की जाती है।