Question -
Answer -
राव साहब के दबाव के कारण लेखक को दुबारा पढ़ने की इजाज़त मिली वह पाठशालं। पहुंचा, परंतु वहाँ उसकी गली के दो लड़को के अलावा सब अपरिचित थे। लेखक जिन्हें अपने से चुद१धहीन समझता था, अब उन्हों के साथ बैठने के लिए विवश था। उसके कपडे भी कक्षा के अनुरूप नहीं थे। उसे अपने अध्यापक का भी नहीं पता था। वह लटूठं के बने थैले में पुरानी किताबे व कापियों भरकर लाया था। यह बालुगड्री की लाल माटी के रंग में मटमैली हुई धोती और गमछा पहनकर आया था तथा अकेला या शरारती लड़के ने उसका मजाक उडाया तथा उसका गमछा छीनकर अपने सिर पर लपेटकर मास्टर की नकल करने लगा। उसने गमछा टेबल पर रख दिया । मास्टर ने गमछा देखकर पूछा कि यह किसका है? लेखक ने उसे उठाया मास्टर ने उसके बारे में पूछताछ कौ। बीच की छुटूटी में शरारती लड़के ने लेखक की छोती की काछ दी बार निकालने की कोशिश की, परंतु वह दीवार को तरफ मीठ करके छुटूटी होने तक बैठा रहा। घर जाते समय वह सीच रहा था कि लड़के उसकी खिल्ली उड़ते हैं, छोती खींचते है, गमछा खींचते हैं, ऐसे में वह केसे महँगा? इससे अच्छा है कि वह पाठशाला न जाए और खेत में ही काम करता रहे। सबेरे उठते ही वह फिर पाठशाला चला गया। औरे–धीरे उसका आत्मविश्वास और सहपाठियों रने परिचय बढ़ गया।