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Question -

‘अतीत में दबे पाँव’ पाठ के आधार पर शीर्षक की सार्थकता सिद्ध कीजिए। (सैंपल पेपर-2012)



Answer -

इस पाठ में लेखक ने मुअनजोदड़ो की यात्रा के समय के अपने अनुभवों के विषय में बताया है। लेखक यहाँ पर पहुँचकर पुराने सुनियोजित शहर की एक-एक चीज का सिलसिलेवार परिचय करवाता है। वह उस सभ्यता के अतीत में झाँककर वहाँ के निवासियों और क्रियाकलापों को अनुभव करता है। यहाँ की सड़कें, नालियाँ, स्तूप, स्नानागार, सभागार, अन्न भंडार, कुएँ, आदि के अलावा मकानों की सुव्यवस्था को देखकर लेखक महसूस करता है कि लोग अब भी वहाँ मौजूद हैं। उसे बैलगाड़ियों की ध्वनि सुनाई देती हैं। रसोई घर की खिड़की से झाँकने पर वहाँ पक रहे भोजन की गंध आती है। लेखक कल्पना करता है कि यदि यह सभ्यता नष्ट न हुई होती तो आज भारत महाशक्ति बन चुका होता। यह शीर्षक सर्वथा उपयुक्त है।

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