Chapter 3 अतीत में दबे पाँव Solutions
Question - 21 : - ‘अतीत में दबे पाँव’ पाठ में सिंधु सभ्यता के सबसे बड़े नगर ‘मुअनजोदड़ो’ की नगर योजना आज की नगर योजनाओं से किस प्रकार बेहतर थी? उदाहरण देते हुए लिखिए।
Answer - 21 : -
इस पाठ में लेखक के वर्णन से पता चलता है कि सिंधु सभ्यता के सबसे बड़ नगर मुअनजोदड़ो की नगरयोजना अपने आप में अनूठी थी। यह आधुनिक नगरों से भिन्न थी। आजकल के नगरों की योजना में फैलाव की गुंजाइश बहुत कम होती है। एक विस्तार के बाद नगर योजना असफल साबित होती है। ‘मुअनजोदड़ो’ की नगर योजना की निम्नलिखित विशेषताएँ थीं
- यहाँ सड़कें चौड़ी व समकोण पर काटती थी।
- जल निकासी की व्यवस्था उत्तम थी।
- मकानों के दरवाजे मुख्य सड़क पर नहीं खुलते थे।
- सड़क के दोनों ओर ढकी हुई नालियाँ मिलती थीं।
- हर जगह एक ही प्रकार की ईंटों का प्रयोग किया जाता था।
- हर घर में एक स्नानघर होता था।
- कुएँ पकी हुई एक ही आकार की ईंटों से बने हैं। यह पहली संस्कृति है जो कुएँ खोदकर भूजल तक पहुँची थी।
Question - 22 : - सिंधु घाटी की सभ्यता को जलसभ्यता कहने का प्रमाण प्रस्तुत करते हुए बताइए कि वर्तमान में जल संरक्षण क्यों आवश्यक हो गया है?
Answer - 22 : -
सिंधु घाटी में जल की व्यवस्था अति उत्तम थी। यहाँ पर कुएँ पकी हुई एक ही आकार की ईंटों से बने हैं। इतिहासकारों का मानना है कि यह सभ्यता संसार में पहली ज्ञात संस्कृति है जो कुएँ खोदकर भूजल तक पहुँची। यहाँ लगभग सात सौ कुएँ थे। इसके अतिरिक्त स्नानागार की व्यवस्था हर घर में है। पानी के रिसाव को रोकने का उत्तम प्रबंध था। जल निकासी के लिए नालियाँ व नाले बने हुए थे जो ढके हुए थे। इस तरह सिंधु सभ्यता में जल संरक्षण पर उचित ध्यान दिया गया था। वर्तमान समय में पूरी दुनिया में जल संकट का हाहाकार मचा हुआ है। लातूर, राजस्थान आदि क्षेत्रों के संकट से हर कोई परिचित है। जल संकट के प्रमुख कारण जनसंख्या वृधि व अनियोजित जल संरक्षण प्रणाली है। जल की कमी नहीं है, परंतु उसका वितरण सही नहीं है। जल संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय हैं –
- पानी को दूषित होने से बचाने के उपाय करने चाहिए।
- पानी का दुरुपयोग विशेषकर उसका समुचित वितरण करना चाहिए।
- वर्षा के जल के उचित भंडारण की व्यवस्था हो।
- अधिकाधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
- नदी-नालों, तालाबों को प्रदूषण मुक्त रखना चाहिए।
Question - 23 : - आधुनिक विकास ने प्राचीन शहरी निर्माण व्यवस्था को हाशिए पर ला दिया है। इससे अनेक सामाजिक मूल्यों का ह्रास हुआ है। पाठ के आधार पर चर्चा कीजिए।
Answer - 23 : -
आधुनिक शहर ब्रासीलिया, चंडीगढ़, इस्लामाबाद आदि शहर ग्रीड शैली में विकसित किए गए हैं। ये आधुनिक प्रतिमान माने गए हैं, परंतु इन शहरों में स्वयं को विकसित करने की क्षमता नहीं है। ये एकाकीपन को बढ़ावा देते हैं। कंक्रीट के जंगल बन गए हैं, हर तरफ भव्यता दिखाई देती है, तकनीक का कमाल देखकर आम व्यक्ति भ्रमित हो जाता है, परंतु वह सहज जीवन नहीं जी पाता। चमक-चमक में पुराने मूल्यों को भूल जाता है। नियोजन के नाम पर सामाजिकता को नष्ट कर दिया जाता है।
विकसित देश तकनीक, आदि के नाम पर पुराने शहरों की निर्माण पद्धति को पिछड़ापन करार देते हैं। पुराने शहर जल की निकासी, जल प्रबंधन, पर्यावरण व मानवीय संबंधों को देखते हुए विकसित हुए हैं। आज नए तरीके के शहर प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के साथ करते हैं। परिणामतः बाढ़, सूखा, तापमान में बढ़ोतरी, प्रदूषण आदि से जूझना पड़ रहा है।