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Question -

” ‘जूझ‘ में गँवई जीवन के यथार्थ से जूझने का जीवंत चित्रण हैं।“-ड़स कथन पर तकेसम्मत टिप्पणी र्काजिए।



Answer -

‘जूझ‘ कहानी में गोई के जीवन का यथार्थ वर्णन है। पाँव के बच्चे जीवन में अनेक संघर्ष करते हैं। इस कहानी का पात्र ‘आनंदा‘ भी अपनी पकाई जारी रखने के लिए संघर्ष करता है। उसका पिता खेत के काम को पढाई रने जादा महत्त्व देता है और वह आनंदा को स्कूल में पढने नहीं भेजता। आख्या के मन में पढ़ने को ललक श्री। वह पढ़–लिखकर नौकरी पना चाहता था म परंतु पिता के डर से वह कुछ नहीं कह पाता। वह माँ को अपनी पोड़। बताता है। माँ उसकी सलाह पर गॉव के जमींदार दत्ता जी राव सरकार रने बात करती है। दस्ता जी ने आनंद के पिता को बुलाकर डॉटा तथा बच्चे क्रो पढाने के लिए कहा। पिता ने अनेक कठोर शर्तों के साथ पढाई करने की इजाजत है दी। इस तरह आनंद को सुबह से शाम तक स्कूल व खेत में काम करना पढा। वह हर कदम पर यथार्थ से जूझता रहा। अंतत: उसने सफलता प्राप्त का ली।

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