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Question -

भ्रातृशोक में हुई राम की दशा को कवि ने प्रभु की नर लीला की अपेक्षा सच्ची मानवीय अनुभूति के रूप में रचा है। क्या आप इससे सहमत हैं? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।



Answer -

जब लक्ष्मण को शक्ति बाण लगा तो राम एकदम विह्वल हो उठे। वे ऐसे रोए जैसे कोई बालक पिता से बिछुड़कर होता है। सारी मानवीय संवेदनाएँ उन्होंने प्रकट कर दीं। जिस प्रकार मानव-मानव के लिए रोता है ठीक वैसा ही राम ने किया। राम के ऐसे रूप को देखकर यही कहा जा सकता है कि राम की दशा को कवि ने प्रभु की नर लीला की अपेक्षा सच्ची मानवीय अनुभूति के रूप में रचा है। मानव में अपेक्षित सारी अनुभूतियाँ इस शोक सभा में दिखाई देती हैं।

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