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Question -

‘पहलवान की ढोलक’ कहानी के प्रारंभ में चित्रित प्रकृति का स्वरूप कहानी की भयावहता की ओर संकेत करता है। इस कथन पर टिप्पणी र्काजिए।



Answer -

कहानी के प्रारंभ में प्रकृति का स्वरूप कहानी की भयावहता की ओर संकेत करता है। रात के भयावह वर्णन में बताया गया है कि चारों तरफ सन्नाटा है। सियारों का क्रदन व उल्लू की डरावनी आवाज निस्तब्धता को कभी-कभी भंग कर देती थी। गाँव की झोपड़ियों से कराहने और कै करने की आवाज सुनाई पड़ती थी। बच्चे भी कभी-कभी निर्बल कंठों से ‘माँ-माँ’ पुकारकर रो पड़ते थे। इससे रात्रि की निस्तब्धता में बाधा नहीं पड़ती थी।

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