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Question -

तुलसी के सवैया के आधार पर प्रतिपादित कीजिए कि उन्हें भी जातीय भेदभाव का दबाव झेलना पड़ा था? (CBSE-2015)



Answer -

कवि तुलसी लोगों से कहते हैं कि वे चाहे कुछ भी कह लें धूर्त अथवा तपस्वी, राजपूत अथवा जुलाहा। इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। वह किसी भी जाति से बँधे हुए नहीं है। इन पंक्तियों से पता चलता है कि उन्हें जातीय भेदभाव का दबाव झेलना पड़ा।

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