Question -
Answer -
जाति-प्रथा भारतीय समाज में बेरोजगारी व भुखमरी का कारण भी बनती रही है। भारत में जाति-प्रथा के कारण व्यक्ति को जन्म के आधार पर एक पेशे से बाँध दिया जाता था। इस निर्णय में व्यक्ति की रुचि, योग्यता या कुशलता का ध्यान नहीं रखा जाता था। उस पेशे से गुजारा होगा या नहीं, इस पर भी विचार नहीं किया जाता था। इस कारण भुखमरी की स्थिति आ जाती थी। इसके अतिरिक्त, संकट के समय भी मनुष्य को अपना पेशा बदलने की अनुमति नहीं दी जाती थी। भारतीय समाज पैतृक पेशा अपनाने पर ही जोर देता था। उद्योग-धंधों की विकास प्रक्रिया व तकनीक के कारण कुछ व्यवसायी रोजगारहीन हो जाते थे। अत: यदि वह व्यवसाय न बदला जाए तो बेरोजगारी बढ़ती है। आज भारत की स्थिति बदल रही है। सरकारी कानून, सामाजिक सुधार व विश्वव्यापी परिवर्तनों से जाति-प्रथा के बंधन काफी ढीले हुए हैं, परंतु समाप्त नहीं हुए हैं। आज लोग अपनी जाति से अलग पेशा अपना रहे हैं।