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Question -

‘कैमरे में बंद अपाहिज’करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता हैं-विचार कीजिए।



Answer -

यह कविता अपनेपन की भावना में छिपी क्रूरता को व्यक्त करती है। सामाजिक उद्देश्यों के नाम पर अपाहिज की पीड़ा को जनता तक पहुँचाया जाता है। यह कार्य ऊपर से करुण भाव को दर्शाता है परंतु इसका वास्तविक उद्देश्य कुछ और ही होता है। संचालक अपाहिज की अपंगता बेचना चाहता है। वह एक रोचक कार्यक्रम बनाना चाहता है ताकि उसका कार्यक्रम जनता में लोकप्रिय हो सके। उसे अपंग की पीड़ा से कोई लेना-देना नहीं है। यह कविता यह बताती है कि दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले इस प्रकार के अधिकांश कार्यक्रम कारोबारी दबाव के कारण संवेदनशील होने का दिखावा करते हैं। इस तरह दिखावटी अपनेपन की भावना क्रूरता की सीमा तक पहुँच जाती है।

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