Chapter 16 नमक Solutions
Question - 21 : - नीचे दिए गए शब्दों के हिंदी रूप लिखिए-
मुरैवत, आदमियत, अतीबव, साडा, मायने, सरहद,अक्स, लबोलहजा, नफ़ीस
Answer - 21 : -
मुरैवत – संकोच
आदमियत – मनुष्यता
अदीब – साहित्यकार
साडा – हमारा
मायने – अर्थ
सरहद – सीमा
अक्स – प्रभा
लबोलहजा – बोलचाल का ढंग
नफ़ीस – सुरुचिपूर्ण
Question - 22 : - पंद्रह दिन योंगुजरे कि पता ही नहीं चला-वाक्य को ध्यान से पढ़िए और इसी प्रकार के (यों कि, ही से युक्त) पाँच वाक्य बनाइए।
Answer - 22 : -
1. वह यों ही चला गया कि पता ही नहीं चला।
2. कुछ वर्ष यों ही बीत गए कि पता ही नहीं चला।
3. क्लर्क ने यों ही टरका दिया कि आज साहब नहीं आए हैं।
4. यों ही मैं घर से निकलने वाला था कि सोहन आ गया।
5. सुमन यों आई कि पता ही न चला।
Question - 23 : - सिख बीवी के प्रति सफ़िया के आकर्षण का क्या कारण था? ‘नमक’ पाठ के आधार पर बताइए।
Answer - 23 : -
जब सफ़िया ने सिख बीवी को देखा, तो वह हैरान रह गई। बीवी का वैसा ही चेहरा था, जैसा सफ़िया की माँ का था। बिलकुल वही कद, वही भारी शरीर, वही छोटी-छोटी चमकदार आँखें, जिनमें नेकी, मुहब्बत और रहमदिली की रोशनी जगमगा रही थी। चेहरा खुली किताब जैसा था। बीवी ने वैसी ही सफ़ेद मलमल का दुपट्टा ओढ़ रखा था, जैसा सफ़िया की अम्मा मुहर्रम में ओढ़ा करती थीं, इसीलिए सफ़िया बीवी की तरफ बार-बार बड़े प्यार से देखने लगी। उसकी माँ तो बरसों पहले मर चुकी थीं, पर यह कौन? उसकी माँ जैसी हैं, इतनी समानता कैसे है? यही सोचकर सफ़िया उनके प्रति आकर्षित हुई।
Question - 24 : - लाहौर और अमृतसर के कस्टम अधिकारियों ने सफ़िया के साथ कैसा व्यवहार किया?
Answer - 24 : -
दोनों जगह के कस्टम अधिकारियों ने सफ़िया और उसकी नमक रूपी सद्भावना का सम्मान किया। केवल सम्मान ही नहीं, उसे यह भी जानकारी मिली कि उनमें से एक देहली को अपना वतन मानते हैं और दूसरे ढाका को अपना वतन कहते हैं। उन दोनों ने सफ़िया के प्रति पूरा सद्भाव दिखाया, कानून का उल्लंघन करके भी उसे नमक ले जाने दिया। अमृतसर वाले सुनील दास गुप्त तो उसका थैला उठाकर चले और उसके पुल पार करने तक वहीं पर खड़े रहे। उन अधिकारियों ने यह साबित कर दिया कि कोई भी कानून या सरहद प्रेम से ऊपर नहीं है।
Question - 25 : - नमक की पुड़िया के सबध में सफ़िया के मन में क्या द्वद्व था? उसका क्या समाधान निकला?
Answer - 25 : -
नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि वह नमक की पुड़िया को चोरी से छिपाकर ले जाए या कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए। पहले वह इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रखकर कीनुओं से ढँक लेती है। फिर वह निर्णय करती है कि वह प्यार के तोहफ़े को चोरी से नहीं ले जाएगी। वह नमक की पुड़िया को कस्टम वालों को दिखाएगी।
Question - 26 : - सफ़िया को अटारी में समझ ही नहीं आया कि कहाँ लाहौर खत्म हुआ और किस जगह अमृतसर शुरू हो गया, एसा क्यों?
Answer - 26 : -
अमृतसर व लाहौर दोनों की सीमाएँ साथ लगती हैं। दोनों की भौगोलिक संरचना एक जैसी है। दोनों तरफ के लोगों की भाषा एक है। एक जैसी शक्लें हैं तथा उनका पहनावा भी एक जैसा है। वे एक ही लहजे से बोलते हैं तथा उनकी गालियाँ भी एक जैसी ही हैं। इस कारण सफ़िया को अटारी में समझ ही नहीं आया कि कहाँ लाहौर खत्म हुआ और किस जगह अमृतसर शुरू हो गया।
Question - 27 : - ‘नमक’ कहानी में क्या सन्देश छिपा हुआ है? स्पष्ट कीजिए।
Answer - 27 : -
‘नमक’ कहानी में छिपा संदेश यह है कि मानचित्र पर एक लकीर मात्र खींच देने से वहाँ रहने वाले लोगों के दिल नहीं बँट जाते। जमीन बँटने से लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध और पाबंदियाँ लग जाती हैं परंतु लोगों का लगाव अपने मूल स्थान से बना रहता है। पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी द्वारा दिल्ली को तथा भारतीय कस्टम अधिकारी द्वारा ढाका को अपना वतन मानना इसका प्रमाण है।
Question - 28 : - ‘नमक’ कहानी में ‘नमक’ किस बात का प्रतीक है? इस कहानी में ‘वतन’ शब्द का भाव किस प्रकार दोनों तरफ के लोगों को भावुक करता है?
Answer - 28 : -
‘नमक’ कहानी में ‘नमक’ भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद इन अलग-अलग देशों में रह रहे लोगों के परस्पर प्यार का प्रतीक है जो विस्थापित और पुनर्वासित होकर भी एक-दूसरे के दिलों से जुड़े हैं। इस कहानी में ‘वतन’ शब्द का भाव एक-दूसरे को याद करके अतीत की मधुर यादों में खो देने का भाव उत्पन्न करके दोनों तरफ के लोगों को भावुक कर देता है। दोनों देशों के राजनीतिक संबंध अच्छे-बुरे जैसे भी हों, इससे उनका कुछ लेना-देना नहीं होता।