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Question -

सफ़िया की मनःस्तिति को कहानी में एक विशिष्ट संदर्भ में अलग तरह से स्पष्ट किया गया है। अगर आप सफ़िया की जगह होते/होतीं तो क्या आपकी मनःस्तिति भी वैसी ही होती? स्पष्ट र्काजिए। 



Answer -

अगर मैं सफ़िया की जगह होता तो मेरी मन:स्थिति भी सफ़िया की तरह ही होती। सफ़िया लेखिका है, अत: वह अपनी भावनाओं को साहित्यिक रूप से व्यक्त कर सकी है, परंतु मैं सीधे तौर पर अपनी भावनाएँ जता देता। मैं सिख बीवी को माँ का दर्जा दे देता। दूसरे, लाहौर से नमक लाने के लिए मैं हर संभव तरीके का प्रयोग करता।

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