Question -
Answer -
शिरीष के अवधूत रूप के कारण लेखक को महात्मा गांधी की याद आती है। शिरीष तरु अवधूत की तरह, बाहय परिवर्तन धूप, वर्षा, आँधी, लू-सब में शांत बना रहता है तथा पुष्पित-पल्लवित होता रहता है। इनकी तरह ही महात्मा गांधी भी मारकाट, अग्निदाह, लूटपाट, खून खच्चर को बवंडर के बीच स्थिर रह सके थे। इस समानता के कारण लेखक गांधी जी को याद करता है। जिस तरह शिरीष वायुमंडल से रस खींचकर इतना कोमल व कठोर हो सकता है, उसी तरह महात्मा गांधी भी कोमल-कठोर व्यक्तित्व वाले थे। यह वृक्ष और मनुष्य दोनों ही अवधूत हैं।