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Question -

लेखक ने पाठ में संकेत किया है कि कर्भा–कर्भा बाजार में आवश्यकता हा` शांषण का रूप धारण कर लेती हैं ।क्या आप इस विचार से सहमत हँ‘? तर्क सहित उतार दीजिए?



Answer -

हम इस विचार से पूर्णतया सहमत है कि कभी…कभी बाजार में आवश्यकता ही शोषण का रूप धारण कर लेती है । आमतौर पर देखा जाता है कि जब गाहक अपनी आवश्यकता को बताता है तो दुकानदार उस वस्तु के दाम बढा देता है । हाल ही में चीनी के दामों में भारी उछाल आया क्योंकि इसकी कमी का अंदेशा था तथा यह आम आदमी के लिए जरूरी वस्तु थी ।

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