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Question -

” मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से ज़मीन और जानता बँट नहीं जाती हैं। ” -उक्ति तर्कों व उदाहरणों के जरिये इसकी पुष्टि करें।



Answer -

मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से जमीन और जनता बँट नहीं जाती है।-लेखिका का यह कथन पूर्णतया सत्य है। राजनीतिक कारणों से मानचित्र पर लकीर खींचकर देश को दो भागों में बँट दिया जाता है। इससे जमीन व जनता को अलग-अलग देश का लेवल मिल जाता है, परंतु यह कार्य जनता की भावनाओं को नहीं बाँट पाता। उनका मन अंत तक अपनी जन्मभूमि से जुड़ा रहता है। पुरानी यादें उन्हें हर समय घेरे रहती हैं। जैसे ही उन्हें मौका मिलता है, वे प्रत्यक्ष तौर पर उभरकर सामने आ जाती हैं। ‘नमक’ कहानी में भी सिख बीवी लाहौर को भुला नहीं पातीं और ‘नमक’ जैसी साधारण चीज वहाँ से लाने की बात कहती हैं। कस्टम अधिकारी नौकरी अलग देश में कर रहे हैं, परंतु अपना वतन जन्म-प्रदेश को ही मानते हैं। सभी का अपनी जन्म-स्थली के प्रति लगाव है।

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