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Question -

‘बाजार दर्शन‘ पात में बाजार जाने या न जाने के संर्दभ में मन की कहूँ स्थितियों का जिक आया हैं। जाप इन स्थितियों से जुड़े अपने अनुमबी‘ का वणनै र्काजिए।



Answer -

  1. मन खाती हां
  2. मन खालाँ न हो
  3. मन बंद हरे
  4. मन में नकार हो

उत्तर 

1 कई बार तो मन करता है कि बाज़ार जाकर इस उपभोक्तावादी संस्कृति के अंग बन जाएँ। सारा सामान खरीद लें ताकि बाजारवाद का प्रभाव हम पर भी पड़ सके।
2 लेकिन कभी-कभी मन बिलकुल खाली नहीं होता तब उस पर एक प्रकार का प्रभाव पड़ा रहता है। वह नहीं चाहता है कि कुछ खरीदा जाए।
3 कई बार ऐसी भी स्थिति आई है कि मन हर तरह से बंद रहा अर्थात् जो कुछ हो रही उसे चुपचाप देखते रहना चाहता है। जरूरत हो तो ले लिया वर्ना नहीं।
4 मन में नकारने की स्थिति भी रही। बाजार से यह सामान तो लेना ही नहीं क्योंकि शॉपिंग मॉल में सामान बहुत महँगा मिलता है। वस्तुतः इस स्थिति में मन बाजारवादी संस्कृति का विरोध करता है।

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