Question -
Answer -
इस बात को ध्यान रखते हुए नीचे दी गई कविताओं को पढ़िए और दी गई फ़िराक की गज़ल-रूबाई में से समानार्थी पंक्तियाँ ढूंढ़िए
(क) मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों। -सूरदास
(ख) वियोगी होगा पहला कवि उमड़ कर आँखों से चुपचाप
आह से उपजा होगा गान बही होगी कविता अनजान -सुमित्रानंदन पंत
(ग) सीस उतारे भुईं धरे तब मिलिहैं करतार -कबीर
उत्तर
(क) आँगन में तुनक रहा है जिदयाया है।
बालक तो हई चाँद पै ललचाया है।
(ख) आबो ताबे अश्आर न पूछो तुम भी आँखें रक्खो हो
ये जगमग बैतों की दमक है या हम मोती रोले हैं।
ऐसे में तू याद आए हैं अंजमने मय में रिंदो को,
रात गए गर्दै पे फरिश्ते बाबे गुनह जग खोले हैं।
(ग) “ये कीमत भी अदा करे हैं हम बदुरुस्ती-ए-होशो हवास
तेरा सौदा करने वाले दीवाना भी होलें हैं।”