Question -
Answer -
‘गानपन’ का अर्थ है-गाने से मिलने वाली मिठास और मस्ती। जिस प्रकार ‘मनुष्यता’ नामक गुणधर्म होने के कारण हम उसे मनुष्य कहते हैं उसी प्रकार गीत में ‘गानपन’ होने पर ही उसे संगीत कहा जाता है। लता के गानों में शत-प्रतिशत गानपन मौजूद है तथा यही उनकी लोकप्रियता का आधार है। गानों में गानपन प्राप्त करने के लिए नादमय उच्चार करके गाने के अभ्यास की आवश्यकता है। गायक को स्वरों के उचित ज्ञान के साथ उसकी आवाज में स्पष्टता व निर्मलता होनी चाहिए। रसों के अनुसार उसमें लय, आघात तथा सुलभता होनी चाहिए।
श्रोताओं को आनंदित करने के लिए स्वर, लय व अर्थ का संगम होना जरूरी है। रागों की शुद्धता पर जोर न देकर गाने को मिठास व स्वाभाविकता के साथ गाया जाना चाहिए।