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Question -

तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो-जेदू का यह कथन रचना संसार के किस सत्य को उद्घाटित करता है?



Answer -

जेलू का यह कथन यह बताता है कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी ही विकट क्यों न हों, मनुष्य इच्छाशक्ति से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है। आशापूर्णा देवी भी आम गृहणी थीं। वे सारा दिन घर के काम-काज में व्यस्त रहती थीं, परंतु वे लेखन में रुचि रखती थीं। परिवार के सो जाने के बाद वे लिखती थीं और लिखते-लिखते विश्व प्रसिद्ध कथाकार बन गई। बेबी की स्थिति उनसे भी खराब है। वह आर्थिक संकट से ग्रस्त है, फिर भी वह निरंतर लिखकर अपनी शैली को सुधार सकती है। वह थोड़ा समय निकालकर लिख सकती है। इस तरह वह भी प्रसिद्ध लेखिका बन सकती है।

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