Question -
Answer -
सेक्रेटेरियट के लॉन में खड़ा जामुन का पेड़ रात की आँधी में गिर गया। इसके नीचे एक आदमी दब गया। उसे बचाने के लिए एक सरकारी फाइल बनी। वह एक विभाग से दूसरे विभाग में जाने लगी। माली ने उस आदमी को हौसला देते हुए उसे खिचड़ी खिलाई और कहा कि उसका मामला ऊपर तक पहुँच गया है। तब उस व्यक्ति ने आह भरते हुए गालिब का शेर कहा-
“ये तो माना कि तगापुल न करोगे लेकिन
खाक हो जाएँगे हम तुमको खबर होने तक!”
माली उसे पूछता है कि क्या आप शायर हैं? उसने ‘हाँ’ में सिर हिलाया। फिर माली ने यह बात क्लकों को बताई। इस प्रकार यह बात सारे शहर में फैल गई। सेक्रेटेरियट में शहर-भर के कवि व शायर इकट्ठे हो गए। फाइल कल्चर डिपार्टमेंट को भेजी गई। वहाँ का सचिव उस व्यक्ति का इंटरव्यू लेने आया और उसे अकादमी का सदस्य बना दिया किंतु यह कहकर कि पेड़ से नीचे से निकालने का काम उसके विभाग का नहीं है वह फाइल वन विभाग को भेज या देता है। इससे पेड़ हटाने या काटने की अनुमति मिलने का रास्ता और लंबा हो गया है।