Question -
Answer -
गाँव में मोहन अपने लिए संघर्ष कर रहा था। दूसरे गाँव की पाठशाला में जाने के लिए प्रतिदिन नदी पार करना, मन लगाकर पढ़ना, हर अध्यापक के मन में अपनी जगह बनाना–ये सारे संघर्ष वह अपना भविष्य बनाने और अपने माता-पिता के सपने पूरे करने के लिए कर रहा था। लखनऊ शहर में जाकर रमेश के घर में आलू लाना, दही लाना, धोबी को कपड़े देकर आना-ये सब काम वह रमेश के परिवार के लिए कर रहा था। इससे उसका अपना भविष्य धूमिल हो गया और माता-पिता के सपने टूट गए। गाँव का होनहार बालक शहर में घरेलू नौकर बनकर रह गया था। इसी प्रकार के तर्क लिखकर सहपाठियों के साथ चर्चा का आयोजन किया जा सकता है।