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Question -

बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुण्जर पीर ।
दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर ।



Answer -

भाव पक्ष-प्रस्तुत पंक्तियों में मीराबाई अपने आराध्य श्रीकृष्ण का भक्तवत्सल रूप दर्शा रही हैं। इसके अनुसार श्रीकृष्ण
ने संकट में फँसे डूबते हुए ऐरावत हाथी को मगरमच्छ से मुक्त करवाया था। इसी प्रसंग में वे अपनी रक्षा के लिए भी श्रीकृष्ण से प्रार्थना करती हैं।
कला पक्ष

राजस्थानी, गुजराती व ब्रज भाषा का प्रयोग है।
भाषा अत्यंत सहज वे सुबोध है।
तत्सम और तद्भव शब्दों का सुंदर मिश्रण है।
दास्यभाव तथा शांत रस की प्रधानता है।
भाषा में प्रवाहत्मकता और संगीतात्मकता का गुण विद्यमान है।
सरल शब्दों में भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति हुई है।
दृष्टांत अलंकार का प्रयोग है। |
‘काटी कुण्जर’ में अनुप्रास अलंकार है।

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