Question -
Answer -
‘एकांकी’ नाम से ही स्पष्ट है- एक + अंकी, अर्थात् एक अंक वाली। ऐसा छोटा-सा नाटक जिसमें एक अंक हो तथा जिसमें जीवन की किसी समस्या या घटना का चित्रण हो, उसे एकांकी कहते हैं। इसके मंचन के लिए कम पात्रों, कम समय तथा कम साज-सज्जा की आवश्यकता होती है। नाटक एक दृश्य-श्रव्य रचना होती है। इसमें पाँच या उससे अधिक अंक होते हैं।
नाटक में एक मुख्य कहानी तथा उससे जुड़ी अन्य कहानियाँ भी हो सकती हैं। यह एक बड़ी रचना होती है जिसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं का चित्रण अनेक दृश्यों और अंकों में किया जाता है। इसके मंचन के लिए अनेक पात्रों, अधिक समय तथा ढेर सारी साज-सज्जा की आवश्यकता होती है।