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Chapter 12 लखनवी अंदाज़ Solutions

Question - 11 : -
नवाब साहब द्वारा लेखक से बातचीत की उत्सुकता न दिखाने पर लेखक ने क्या किया?

Answer - 11 : -

नवाब साहब ने लेखक से बातचीत की उत्सुकता उस समय नहीं दिखायी जब वह डिब्बे में आया। लेखक ने इस उपेक्षा का बदला उपेक्षा से दिया। उसने भी नवाब साहब से बातचीत की उत्सुकता नहीं दिखाई और नवाब साहब की ओर से आँखें फेर लिया। यह लेखक के स्वाभिमान का प्रश्न था, जिसे वह बनाए रखना चाहता था।

Question - 12 : -
खीरे की फाँकें खिड़की से फेंकने के बाद नवाब साहब ने गुलाबी आँखों से लेखक की ओर क्यों देखा?

Answer - 12 : -

खीरे की फाँकें एक-एककर उठाकर सँधने के बाद नवाब साहब खिड़की से बाहर फेंकते गए। उन्होंने डकार ली और लेखक की ओर गुलाबी आँखों से इसलिए देखा क्योंकि उन्होंने लेखक को दिखा दिया था नवाब खीरे को कैसे खाते हैं। अपनी नवाबी का प्रदर्शन करने के लिए उन्होंने खीरा खाने के बजाय फेंक दिया था।

Question - 13 : -
नवाब साहब ने खीरे की फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़का जिसे देखकर लेखक ललचाया पर उसने खीरे खाने का प्रस्ताव अस्वीकृत क्यों कर दिया?

Answer - 13 : -

नवाब साहब ने करीने से सजी खीरे की फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़ककर लेखक से खाने के लिए आग्रह किया तो लेखक ने साफ़ मना कर दिया। जबकि लेखक खीरे खाना चाहता था। इसका कारण यह था लेखक पहली बार नवाब साहब को खीरा खाने के लिए मना कर चुका था।

Question - 14 : -
बिना खीरा खाए नवाब साहब को डकार लेते देखकर लेकर क्या सोचने पर विवश हो गया?

Answer - 14 : -

लेखक ने देखा कि नवाब साहब ने खीरों की फाँकों का रसास्वादन किया उन्हें मुँह के करीब ले जाकर सूंघा और बाहर फेंक दिया। इसके बाद नवाब साहब को डकार लेता देखकर लेखक यह सोचने पर विवश हो गया कि क्या इस तरह सँघने मात्र से पेट भर सकता है।

Question - 15 : -
सेकंड क्लास के डिब्बे में लेखक के अचानक आ जाने से नवाब साहब के एकांत चिंतन में विघ्न पड़ गया? उनके चिंतन के बारे में लेखक ने क्या अनुमान लगाया?

Answer - 15 : -

सेकंड क्लास के जिस डिब्बे में नवाब साहब अब तक अकेले बैठे थे वहाँ अचानक लेखक के आ जाने से उनके एकांत चिंतन में विघ्न पड़ गया। उसके बारे में लेखक ने यह अनुमान लगाया कि ये भी शायद किसी कहानी के लिए नई सूझ में होंगे या खीरे जैसी साधारण वस्तु खाने के संकोच में पड़ गए होंगे।

Question - 16 : -
लेखक और नवाब साहब की प्रथम मुलाकात का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

Answer - 16 : -

लेखक और नवाब साहब की प्रथम मुलाकात पैसेंजर ट्रेन के सेकंड क्लास के डिब्बे में हुई जहाँ नवाब साहब पहले से पालथी लगाए बैठे थे। लेखक का यूँ अचानक आ जाना नवाब साहब को तनिक भी अच्छा न लगा। उन्होंने लेखक की ओर न देखकर डिब्बे से बाहर देखना शुरू कर दिया। लेखक ने अपना स्वाभिमान बनाए रखते हुए उनसे बात करने की पहल नहीं की।

Question - 17 : -
सेकंड क्लास के डिब्बे की उन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जिनके कारण लेखक और नवाब साहब दोनों ने उसे यात्रा के लिए चुना।

Answer - 17 : -

लेखक और नवाब साहब दोनों ने ही अपनी यात्रा के लिए सेकंड क्लास के डिब्बे को चुना। उस डिब्बे की विशेषताएँ
निम्नलिखित हैं

सेकंड क्लास का डिब्बा अधिक सुविधाओं से युक्त होता है।
इसका किराया अधिक होता है, अतः इसमें कम यात्री सफ़र करते हैं।
इसमें भीड़-भाड़ नहीं होती है।
ये डिब्बे अधिकांशतः खाली ही रहते हैं।

Question - 18 : -
नवाब साहब के व्यवहार में अचानक कौन-सा बदलाव आया और क्यों?

Answer - 18 : -

सेकंड क्लास के डिब्बे में जैसे ही लेखक चढ़ा, सामने एक सफ़ेदपोश सज्जन को बैठे पाया। लेखक का यूँ आना उन्हें अच्छा न लगा और वे खिड़की से बाहर देखने लगे पर अचानक ही उनके व्यवहार में बदलाव आ गया। उन्होंने लेखक से खीरा खाने के लिए कहा। ऐसा करके वे अपनी शराफ़त का नमूना प्रस्तुत करना चाहते थे।

Question - 19 : -
लेखक ने ऐसा क्या देखा कि उसके ज्ञान चक्षु खुल गए?

Answer - 19 : -

लेखक ने देखा कि नवाब साहब खीरे की नमक-मिर्च लगी फाँकों को खाने के स्थान पर सँघकर खिड़की के बाहर फेंकते गए। बाद में उन्होंने डकार लेकर अपनी तृप्ति और संतुष्टि दर्शाने का प्रयास किया। यही देखकर लेखक के ज्ञान-चक्षु खुल गए कि इसी तरह बिना घटनाक्रम, पात्र और विचारों के कहानी भी लिखी जा सकती है।

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