Question -
Answer -
भारत में रहते हुए फ़ादर ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिंदी में एम०ए० किया। इससे ज्ञात होता है कि हिंदी से उन्हें विशेष लगाव था। उन्होंने हिंदी के उत्थान के लिए
हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अकाट्य तर्क प्रस्तुत करते।
हर मंच से हिंदी की दुर्दशा पर दुख प्रकट करते।
हिंदी वालों द्वारा हिंदी की उपेक्षा पर दुख प्रकट करते।
वे हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में देखने के लिए चिंतित रहते।