Question -
Answer -
समय के साथ-साथ काशी में अनेक परिवर्तन हो रहे हैं जो बिस्मिल्ला खाँ को दुखी करते हैं, जैसे
पक्का महाल से मलाई बरफ़ वाले गायब हो रहे हैं।
कुलसुम की कचौड़ियाँ और जलेबियाँ अब नहीं मिलती हैं।
संगीत और साहित्य के प्रति लोगों में वैसा मान-सम्मान नहीं रहा।
गायकों के मन में संगतकारों के प्रति सम्मान भाव नहीं रहा।
हिंदू-मुसलमानों में सांप्रदायिक सद्भाव में कमी आ गई है।