Chapter 4 आत्मकथ्य Solutions
Question - 11 : - ‘असंख्य जीवन-इतिहास’ कहकर कवि किस ओर संकेत करना चाहता है?
Answer - 11 : -
‘असंख्य जीवन-इतिहास’ कहकर कवि उन अगणित लोगों की ओर संकेत करना चाहता है जिन्होंने अपनी-अपनी आत्मकथा लिखी। उसमें अपनी दुर्बलताओं का उल्लेख किया और उन्हें लोगों के व्यंग्य मलिन उपहास का सामना करना पड़ा।
Question - 12 : - कवि के मित्र उससे क्या आग्रह कर रहे थे? वह इस आग्रह को पूरा क्यों नहीं करना चाहता था?
Answer - 12 : -
कवि के मित्र उससे यह आग्रह कर रहे थे कि कवि अपनी आत्मकथा लिखे। कवि उनका यह आग्रह इसलिए नहीं पूरा करना चाहता था क्योंकि इससे पहले अनगिनत लोगों ने आत्मकथा लिखी। उसमें उन्होंने अपनी उपलब्धियों के साथ-साथ दुर्बलताओं का भी उल्लेख किया, जिससे वे उपहास का पात्र बन गए।
Question - 13 : - कवि को अपनी गागर रीती क्यों लगती है?
Answer - 13 : -
कवि को अपनी गागर अर्थात् जीवन इसलिए रीती (सूना) या खाली सा लगता है क्योंकि उसे लगता है कि उसे जीवन में कोई विशेष उपलब्धि हासिल न हो सकी। उसकी पत्नी की असामयिक मृत्यु हो जाने से उसने जिस सुख की कल्पना की थी, वह उसके पास आकर भी मात्र स्वप्न बनकर रह गया।
Question - 14 : - ‘तुम ही खाली करने वाले’ के माध्यम से कवि किनसे, क्या कहना चाहता है?
Answer - 14 : -
‘तुम ही खाली करने वाले’ के माध्यम से कवि अपने उन मित्रों से कहना चाहता है जो उससे आत्मकथा लिखने का आग्रह कर रहे हैं। कवि उनसे यह कहना चाहता है कि मेरी आत्मकथा में मेरे जीवन के कटु अनुभवों को सुनकर तुम यह न समझ बैठो कि मेरे जीवन को रसहीन बनाकर सूनापन भरने वाले तुम्हीं स्वयं हो।
Question - 15 : - कवि किसकी हँसी नहीं उड़ाना चाहता है और क्यों?
Answer - 15 : -
कवि ने अपना जीवन अत्यंत सरलता से जीया है। इस अत्यधिक सरलता के कारण उसे अपनों के छल-कपट और प्रवंचना का शिकार होना पड़ा है। इस पर भी कवि अपनी इस सरलता का उपहास नहीं उड़ाना चाहता है भले ही यही सरलता उसके अनेक कष्टों का कारण रही है।
Question - 16 : - उन तथ्यों का उल्लेख कीजिए जिनका उल्लेख कवि अपनी आत्मकथा में नहीं करना चाहता है?
Answer - 16 : -
कवि अपनी आत्मकथा में निम्नलिखित तथ्यों का उल्लेख नहीं करना चाहता है
वह अपनी सरलता जो उसके दुखों का कारण रही है, का उल्लेख नहीं करना चाहता है।
वह अपने जीवन में की गई न तो भूलों को दिखाना चाहता है और न दूसरों के छल-कपट को।
वह अपनी प्रेयसी के साथ बिताए सुखमय पलों को सबसे नहीं कहना चाहता है।
वह अपने जीवन के दुर्बल पक्षों का भी उल्लेख नहीं करना चाहता है।
Question - 17 : - कवि ने अपने जीवन की उज्ज्वल गाथा किसे कहा है?
Answer - 17 : -
कवि के जीवन में कुछ सुखमय पल आए थे। उसके जीवन में भी प्रेमभरी मधुर चाँदनी रातें आईं और उसने प्रेम के इन उज्ज्वल क्षणों को अपनी पत्नी के साथ बिताया, उसके साथ हँस-हँसकर, खिलखिलाकर बातें की। पत्नी के साथ बिताए गए इन सुखमय पलों को जीवन की उज्ज्वल गाथा कहा है।
Question - 18 : - कवि के लिए सुख दिवा स्वप्न बनकर रह गए, स्पष्ट कीजिए।
Answer - 18 : -
कवि ने जन सामान्य की भाँति ही सुखमय जीवन जीने की आकांक्षा पाल रखी थी परंतु वे सुख उसके लिए स्वप्न की भाँति साबित हुए। वह आँख खुलते ही स्वयं को जीवन के कठोर धरातल पर पाता। उसने अपनी पत्नी के साथ कुछ सुख के पल बिताए, जो क्षणिक थे। पत्नी की असामयिक मृत्यु के कारण वह सुख दिवा स्वप्न बनकर ही रह गए।
Question - 19 : - ‘अनुरागिनी उषा लेती थी, जिन सुहाग मधुमाया, में’ के आलोक में कवि ने अपनी पत्नी के विषय में क्या कहना चाहता है?
Answer - 19 : -
‘अनुरागिनी उषा लेती थी, जिन सुहाग मधुमाया में’ के माध्यम से कवि ने यह कहना चाहा है कि उसकी पत्नी अत्यंत सुंदर थी। उसके कपोल इतने लाल और सुंदर थे कि प्रात:कालीन उषा भी उससे लालिमा लेकर अपनी सौंदर्य वृद्धि करती। थी अर्थात् कवि की पत्नी उषा से भी अधिक सुंदर थी।
Question - 20 : - कवि ने अपनी तुलना किससे की है? उसके जीवन का पाथेय क्या है?
Answer - 20 : -
कवि ने अपनी तुलना उस पथिक से की है जो जीवन पथ पर चलते-चलते थक गया है। इस जीवन पथ पर वह अपनी पत्नी के साथ बिताए कुछ सुखद पलों की मधुर यादों के सहारे चल रहा है। यही मधुर यादें उसके जीवन का पाथेय बन गई हैं।