Question -
Answer -
सेनानी न होते हुए भी लोग चश्मेवाले को कैप्टन इसलिए कहते थे, क्योंकि
कैप्टन चश्मेवाले में नेताजी के प्रति अगाध लगाव एवं श्रद्धा भाव था।
वह शहीदों एवं देशभक्तों के अलावा अपने देश से उसी तरह लगाव रखता था जैसा कि फ़ौजी व्यक्ति रखते हैं।
उसमें देश प्रेम एवं देशभक्ति का भाव कूट-कूटकर भरा था।
वह नेताजी की मूर्ति को बिना चश्मे के देखकर दुखी होता था।