Question -
Answer -
भारत के स्वाधीनता आंदोलन में दुलारी और टुन्नू ने अपनी-अपनी तरह से योगदान दिया। टुन्नू ने विदेशी वस्त्रों का संग्रह करके उसकी होली जलाने में अग्रणी भूमिका निभाई। उसने आगे बढ़-चढ़कर विदेशी वस्त्र इकट्टे किए। इसी आंदोलन के सिलसिले में वह पुलिस की क्रूर पिटाई का शिकार हुआ। परिणामस्वरूप वह बलिदान हो गया।
दुलारी ने टुन्नू की इस देशभक्ति का सम्मान करने के लिए टुन्नू द्वारा भेंट की गई खादी की साड़ी पहनी। उसे प्रेमी के रूप में स्वीकार किया तथा सरकारी कार्यक्रम में उसके बलिदान पर आँसू बहाए। उसने सरेआम यह गीत गाया कि ‘एही। तैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा’। इसी स्थान पर मेरे नाक की नथ गिर गई है। मेरा प्रिय खो गया है।