Question -
Answer -
ज्ञात है : एक चतुर्भुज ABCD जिसके विकर्ण AC और BD एक-दूसरे को बिन्दु D 0 पर परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हैं।
अर्थात् ∠AOD = ∠COD = 90°
तथा OA = OC तथा OB = OD
सिद्ध करना है : चतुर्भुज ABCD एक समचतुर्भुज है।
उपपत्ति: ∆AOD
तथा ∆COB में, OA = OC (दिया है।)
∠AOD = ∠ COB (शीर्षाभिमुख कोण हैं।)
OD = OB (दिया है।)
∆AOD = ∆COB (S.A.S. से)
∠OAD = ∠OCB (C.P.C.T.)
परन्तु ∠OAD = ∠CAD
तथा ∠OCB = ∠ACB
∠CAD = ∠ACB
इससे प्रदर्शित होता है कि AD और BC को तिर्यक रेखा AC द्वारा काटने पर बने एकान्तर अन्त: कोण CAD तथा ACB बराबर हैं जो केवल तभी सम्भव है जबकि AD एवं BC एक-दूसरे के समान्तर हों।
AD एवं BC एक-दूसरे के समान्तर हैं। …(1)
इसी प्रकार सिद्ध किया जा सकता है कि AB एवं DC एक-दूसरे के समान्तर हैं।
इस प्रकार सिद्ध हुआ कि ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
अब हम दिखाएँगे कि AB = BC = CD = DA
∆AOD तथा ∆COD में,
OA = OC (दिया है।)
∠AOD = ∠COD = 90° (दिया है।)
OD = OD (उभयनिष्ठ है।)
∆AOD = ∆COD (S.A.S. से)
AD = CD (C.P.C.T.)
इससे प्रदर्शित होता है कि ABCD एक ऐसा समान्तर चतुर्भुज है जिसकी क्रमागत भुजाओं का एक युग्म AD, CD बराबर है।
अतः समान्तर चतुर्भुज ABCD एक समचतुर्भुज है।
Proved.