Question -
Answer -
(i) बिन्दु B का भुज = – 6 और कोटि = 2 (बिन्दु B द्वितीय चतुर्थांश में स्थित है।)
बिन्दु B के निर्देशांक = (-5, 2)
(ii) बिन्दु C का भुज = 5 और = – 5 (बिन्दु C चतुर्थ चतुर्थांश में स्थित है।)
बिन्दु C के निर्देशांक = (5, -5)
(iii) बिन्दु (-3, -5) के दोनों निर्देशांक ऋणात्मक हैं।
यह बिन्दु तृतीय चतुर्थांश में स्थित होगा।
निर्देशांक (-3, -5) द्वारा पहचाना गया बिन्दु = E
(iv) बिन्दु (2, -4) का भुज धनात्मक तथा कोटि ऋणात्मक है।
यह बिन्दु चतुर्थ चतुर्थाश में स्थित होगा।
निर्देशांक (2, -4) द्वारा पहचाना गया बिन्दु = G
(v) बिन्दु D प्रथम चतुर्थांश में स्थित है।
इसका भुज धनात्मक होगा।
बिन्दु D की भुज = 6
(vi) बिन्दु H तृतीय चतुर्थांश में स्थित है।
बिन्दु H की कोटि ऋणात्मक होगी।
बिन्दु H की कोटि = -3
(vii) बिन्दु L के निर्देशांक = (भुज, कोटि) = (0, 5) (बिन्दु L धनात्मक y-अक्ष पर स्थित है।)
(viii) बिन्दु M के निर्देशांक (-3, 0) (बिन्दु M ऋणात्मक x-अक्ष पर स्थित है।)