MENU

Chapter 12 बाजार दर्शन Solutions

Question - 11 : - ” ज़रूरत‘- मर बीरा वहाँ से ले लिया वि, फिर सारा चौक उनके लिए आसानी से नहाँ‘ के बराबर हो जाता हैं“- भगत जी की इस संतुष्ट निस्मृहता की कबीर की इस सू/वेल से तुलना कीजिए-

Answer - 11 : -

चाह गई चिता महँ, मनुआँ बेपरवाहा
जाको कछु नहि चाहिए, सोइ साहन के सतह।।

उतार 

भगत जी जीवन से पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्हें संचय करने में बिलकुल रुचि नहीं है। जितना सामान चाहिए खरीद लिया। जितना सामान (चूरन) बेचने से गुज़ारा हो जाता है उतना बेच लिया इसके अलावा कुछ नहीं। वास्तव में जो व्यक्ति संतोषी होता है वही शहंशाह है क्योंकि उसे किसी प्रकार की चिंता नहीं होती। उसका मन लापरवाह होता है।

Question - 12 : - विजयदान देथा की कहानी “दुविधा  (जिस पर ‘पहेली’ फिल्म बनी हैं) के अंश को पढकर आप देखेंगे /देखेंगी कि भात जी की संतुष्ट जीवन-दृष्टि की तरह हाँ गड़रिए की जीवन–दृष्टि हैं। इससे जाले भीतर क्या भाव जगते हैं?

Answer - 12 : -

गडरिया बर्गर कहँ‘ हाँ उम के दिल र्का बात समझ गया,
पर अँगूंती कबूल नहीं र्का । काली दाहीं के बीच पीले दाँतों‘
की हँसी” हँसते हुए बोला ” मैं कोइ राजा नहीं हुँ जो न्याय
की कीमत वसूल करू। मैंने तो अटका काम निकाल
दिया । आँर यह अँगूठी मेरे किस काम ! न यह
अँगुलियों  में आती  हैं, न तड़े यें। मरी भेड़े‘ भी मेरी तरह
गाँवार हँ‘। घास तो खाती हैं, पर सोना सूँघती तक नहाँ।
                   बेकार र्का वस्तुएँ तुम अमरों को ही शोभा देती हैं।” –विजयदान देथा

उत्तर

इससे हमारे मन में यह भाव जागते हैं कि हमें संतुष्ट रहना चाहिए। हमें किसी भी चीज़ के लालच तथा मोह में नहीं फंसना चाहिए। हमारे अंदर जितना अधिक संतुष्टी का भाव रहेगा, हम उतने ही शांत और सुखी बने रहेंगे। जीवन में कोई लालसा हमें सता नहीं पाएगी। हम परम सुख को भोगेंगे और शांति कायम कर पाएँगे।

Question - 13 : - बाजार पर आधारित लेख ‘नकली सामान यर नकीब ज़रूरी‘ का  अंश पढिए और निचे  दिए गए बिंदुओं पर कक्षा में चर्चा कीलिए।

Answer - 13 : -

  1. नकली सामान के खिलाफ जागरूकता के लिए आप क्या कर सकते हैं?
  2. उपभोक्ताओं के हित को मद्देनजर रखते हुए सामान बनाने वाली कंपनियों का क्या नैतिक दायित्व हैं?
  3. ब्रांडेड वस्तु को खरीदने के पीछे छिपी मानसिकता को उजागर कीजिए।

उत्तर
1 नकली सामान के खिलाफ जागरूकता के लिए हम छोटी-छोटी सभाएँ आयोजित करके नकली सामान की पहचान लोगों को बता सकते हैं। जनता को शिक्षित कर सकते हैं कि ऐसे दुकानदारों के खिलाफ़ सामाजिक बहिष्कार तथा कानूनी कार्यवाही करें।
2 उपभोक्ताओं के हित को मद्देनजर रखते हुए सामान बनाने वाली कंपनियों का नैतिक दायित्व है कि वे बाजार में असली माल बेचे। वे उत्पाद पर निर्माण समय व उपयोग की अवधि अवश्य अंकित करें। वे उनके इस्तेमाल के तरीके पर भी प्रकाश डालें।
3 ब्रांडेड वस्तु को खरीदने के पीछे वस्तु की गुणवत्ता व प्रदर्शन का भाव दोनों शामिल होता है। ‘ब्रांड’ से व्यक्ति उस वस्तु की गुणवत्ता के बारे में निश्चित होता है।

Question - 14 : -
प्रेमचंद की कहानी ईदगाह के हामिद और उसके दोस्तों का बाज़ार से क्या संबंध बनता है? विचार करें।

Answer - 14 : -

प्रेमचंद की कहानी ईदगाह से हामिद और उसके दोस्तों का बाज़ार से ग्राहक और दुकानदार का रिश्ता बनता है। वे बाज़ार से अपनी इच्छा तथा आवश्यकतानुसार खरीदारी करते हैं। सब अपनी हैसियत के अनुसार खरीदते हैं और बाज़ार संस्कृति को बढ़ावा देते हैं। इसमें हामिद एक समझदार ग्राहक बनता है, जो ऐसा समान खरीदता है, जो उसकी दादी की आवश्यकता को पूर्ण करता है। उसके अन्य मित्र ऐसे ग्राहक बनते हैं, जो अपनी जेब की क्षमता के अनुसार खर्च करते हैं और बाद में पछताते हैं।

Question - 15 : - आपने समाचारपत्रों, टी.वी. आदि पर अनेक प्रकार के विज्ञापन देखे होंगे जिनमें ग्राहकों को हर तरीके से लुभाने का प्रयास किया जाता है,

Answer - 15 : -

 नीचे लिखे बिंदुओं के संदर्भ में किसी एक विज्ञापन की समीक्षा कीजिए और यह लिखिए कि आपको विज्ञापन की किस बात से सामान खरीदने के लिए प्रेरित किया।

1. विज्ञापन में सम्मिलित चित्र और विषय-वस्तु
2. विज्ञापन में आए पात्र व उनका औचित्य
3. विज्ञापन की भाषा

उत्तर

मैंने मैगी के विज्ञापन को देखा। उसे देखकर मुझे लगा कि यह विज्ञापन मेरी भूख रूपी ज़रूरत को कम समय में पूरा करने में सक्षम है। यह मज़ेदार और सस्ता है, जो मैं स्वयं ही बनाकर खा सकती हूँ। इसमें मुझे माँ पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है।
 
1. विज्ञापन में मैगी कंपनी ने अपने पैकेट को दिखाया है। इस विज्ञापन की विषय वस्तु माँ तथा उसके दो बच्चों पर है। ये अपनी माँ से भूख को दो मिनट में शांत करने के लिए कहते हैं।
2. विज्ञापन में तीन पात्र हैं, जिसमें एक माँ तथा उसके दो बच्चे (एक लड़का तथा लड़की) हैं। इनका औचित्य बहुत सार्थक सिद्ध हुआ है। बच्चे माँ से अचानक कुछ कम समय में बना लेने की माँग करते हैं। मैगी ऐसा माध्यम है कि कम समय में बनने वाला व्यंजन है और बच्चों की भूख को भी तुरंत शांत कर देता है।
 3. विज्ञापन की भाषा सरल और सहज है। इसमें संगीत्मकता गुण प्रधान है। बच्चें गाकर माँ को अपनी भूख के बारे में समझाते हैं।


Question - 16 : -
अपने सामान की बिक्री को बढ़ाने के लिए आज किन-किन तरीकों का प्रयोग किया जा रहा है? उदाहरण सहित उनका संक्षिप्त परिचय दीजिए।

Answer - 16 : -

 आप स्वयं किस तकनीक या तौर-तरीके का प्रयोग करना चाहेंगे जिससे बिक्री भी अच्छी हो और उपभोक्ता गुमराह भी न हो।

उत्तर
आज अपने सामान की बिक्री के लिए मज़ेदार विज्ञापनों, फ्री सेंप्लिंग होर्डिंग बोर्ड, प्रतियोगिता, मुफ्त उपहार, मूल्य गिराकर, एक साथ एक मुफ्त देकर आदि तरीकों का प्रयोग किया जा रहा है। इससे सामान की बिक्री में तेज़ी आती है। ये तरीके बहुत ही कारगर हैं। हम अपने उत्पाद की बिक्री के लिए पहले फ्री सेंप्लिंग देगें। इससे हम उपभोक्ता को अपने उत्पाद की गुणवत्ता दिखाकर उनका भरोसा जीतेंगे।

Question - 17 : -
विभिन्न परिस्थितियों में भाषा का प्रयोग भी अपना रूप बदलता रहता है कभी औपचारिक रूप में आती है, तो कभी अनौपचारिक रूप में। पाठ में से दोनों प्रकार के तीन-तीन उदाहरण छाँटकर लिखिए।

Answer - 17 : -

औपचारिक भाषा-

(क) मूल में एक और तत्त्व की महिमा सविशेष है।

(ख) इस सिलसिले में एक और भी महत्त्व का तत्त्व है।

(ग) मेरे यहाँ कितना परिमित है और यहाँ कितना अतुलित है।

अनौपचारिक भाषा-

(क) पैसा पावर है।

(ख) ऐसा सजा-सजाकर माल रखते हैं कि बेहया ही हो जो न फँसे।

(ग) नहीं कुछ चाहते हो, तो भी देखने में क्या हरज़ है।

Question - 18 : -
पाठ में अनेक वाक्य ऐसे हैं, जहाँ लेखक अपनी बात कहता है कुछ वाक्य ऐसे हैं जहाँ वह पाठक-वर्ग को संबोधित करता है।

Answer - 18 : - सीधे तौर पर पाठक को संबोधित करने वाले पाँच वाक्यों को छाँटिए और सोचिए कि ऐसे संबोधन पाठक से रचना पढ़वा लेने में मददगार होते हैं?


उत्तर

(क) लेकिन ठहरिए। इस सिलसिले में एक भी महत्त्व का तत्त्व है, जिसे नहीं भूलना चहाइए।

(ख) कहीं आप भूल न कर बैठिएगा।

(ग) यह समझिएगा कि लेख के किसी भी मान्य पाठक से उस चूरन वाले को श्रेष्ठ बताने की मैं हिम्मत कर सकता हूँ।

(घ) पैसे की व्यंग्य-शक्ति की सुनिए।

(ङ) यह मुझे अपनी ऐसी विडंबना मालूम होती है कि बस पूछिए नहीं।

ऐसे संबोधन पाठकों में रोचकता बनाए रखते हैं। पाठकों को लगता है कि लेखक प्रत्यक्ष रूप में न होते हुए भी उनके साथ जुड़ा हुआ है। उन्हें लेख रोचक लगता है और वे आगे पढ़ने के लिए विवश हो जाते हैं।

Question - 19 : - नीचे दिए गए वाक्यों को पढ़िए।

Answer - 19 : -

(क) पैसा पावर है।
(ख) पैसे की उस पर्चेज़िंग पावर के प्रयोग में ही पावर का रस है।
(ग) मित्र ने सामने मनीबैग फैला दिया।
(घ) पेशगी ऑर्डर कोई नहीं लेते।

ऊपर दिए गए इन वाक्यों की संरचना तो हिंदी भाषा की है लेकिन वाक्यों में एकाध शब्द अंग्रेज़ी भाषा के आए हैं। इस तरह के प्रयोग को कोड मिक्सिंग कहते हैं। एक भाषा के शब्दों के साथ दूसरी भाषा के शब्दों का मेलजोल! अब तक आपने जो पाठ पढ़े उसमें से ऐसे कोई पाँच उदाहरण चुनकर लिखिए। यह भी बताइए कि आगत शब्दों की जगह उनके हिंदी पर्यायों का ही प्रयोग किया जाए तो संप्रेषणीयता पर क्या प्रभाव पड़ता है।

उत्तर
(क) परंतु इस उदारता के डाइनामाइट ने क्षण भर में उसे उड़ा दिया।
(ख) भक्ति इंस्पेक्टर के समान क्लास में घूम-घूमकर।
(ग) फ़िजूल सामान को फ़िजूल समझते हैं।
(घ) इससे अभिमान की गिल्टी की और खुराक ही मिलती है।
(ङ) माल-असबाब मकान-कोठी तो अनेदेखे भी दिखते हैं।

ऊपर दिए गए शब्दों में रेखांकित शब्द आगत शब्द हैं। इनके स्थान पर यदि हिंदी पर्यायों का प्रयोग किया जाए तो संप्रेषणीयता पर दूसरा ही प्रभाव पड़ता है। वाक्य अधूरा-सा लगता है। बात स्पष्ट नहीं हो पाती है तथा लेखक का उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पाता है। यही कारण है कि कोड मिक्सिंग ने भाषा में अपनी जगह बना ली है। उदाहरण के लिए देखिए-

(क) परंतु इस उदारता के विस्फोटक ने क्षण भर में उसे उड़ा दिया।
(ख) भक्ति पर्यवेक्षक के समान कक्षा में घूम-घूमकर।
(ग) व्यर्थ सामान व्यर्थ समझते हैं।
(घ) इससे अभिमान की दोषी की और अंश ही मिलती है।
(ङ) माल-सामान मकान-कोठी तो अनेदेखे भी दीखते हैं।

Question - 20 : - नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित अंश पर ध्यान देते हुए उन्हें पढ़िए-

Answer - 20 : -

(क) निर्बल ही धन की ओर झुकता है।
(ख) लोग संयमी भी होते हैं।
(ग) सभी कुछ तो लेने को जी होता था।

ऊपर दिए गए वाक्यों के रेखांकित अंश 'ही', 'भी', तो निपात हैं जो अर्थ पर बल देने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। वाक्य में इनके होने-न-होने और स्थान क्रम बदल देने से वाक्य के अर्थ पर प्रभाव पड़ता है, जैसे-

मुझे भी किताब चाहिए। (मुझे  महत्त्वपूर्ण है।)
मुझे किताब भी चाहिए। (किताब  महत्त्वपूर्ण है।)
आप निपात (ही, भी, तो) का प्रयोग करते हुए तीन-तीन वाक्य बनाइए। साथ ही ऐसे दो वाक्यों का निर्माण कीजिए जिसमें ये तीनों निपात एक साथ आते हों।

उत्तर

'ही' से बनने वाले तीन वाक्य-
(क) भरत को ही बुलाना है।
(ख) मंदिर में मुझे ही जाना है।
(ग) बाज़ार से गुलाब ही खरीदना है।

'भी' से बनने वाले तीन वाक्य-
(क) नेहा को भी ले आते।
(ख) कपड़ों को भी भीगा देते।
(ग) गुलाब के पौधे भी लगवा देते।

'तो' से बनने वाले तीन वाक्य-
(क) घर तो टूट गया
(ख) मैंने तो खाना खा लिया।
(ग) जंगल में तो जानवर ही मिलेंगे।

'ही, भी, तो' तीनों से बनने वाले दो वाक्य-
(क) बाज़ार से ही तो घी भी लेना था।
(ख) जलेबी ने ही मुझे तो समझाया कि शर्मा जी को भी बुला लो।
(ग) घर से निकला ही था, तो देखा कि सूरज भी साथ चल रहा है।


Free - Previous Years Question Papers
Any questions? Ask us!
×