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Chapter 11 आदमी नामा Solutions

Question - 1 : - पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बख़ान करती है? क्रम से लिखिए।

Answer - 1 : -

पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी में निम्नलिखित रूपों का बखान करती है−

1. आदमी का बादशाही रूप

2. आदमी का मालदारी रूप

3. आदमी का कमजोरी वाला रूप

4. आदमी का स्वादिष्ट भोजन करने वाला रूप

5. आदमी का सूखी रोटियाँ चबाने वाला रूप

Question - 2 : - चारों छंदों में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों को परस्पर किन-किन रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

Answer - 2 : -

चारों छंदो में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों का तुलनात्मक रूप प्रस्तुत किया है −

सकारात्मक रूप नकारात्कम रूप

1. एक आदमी शाही किस्म के ठाट-बाट भोगता है।        1. दूसरे आदमी को गरीबो में दिन बिताने पड़ते हैं।
2. एक आदमी मालामाल होता है                                   2. दूसरा आदमी कमज़ोरी झेलती है।
3. एक स्वादिष्ट भोजन खाता है।                                   3. दूसरा सूखी रोटियाँ चबाता है।
4. एक धर्मस्थलों में धार्मिक पुस्तकें पढ़ता है                   4. दूसरा धर्मस्थलों पर जूतियाँ चुराता है।
5. एक आदमी जानन्योछावर करता है                              5. दूसरा जान से मार डालता है।
6. एक शरीफ सम्मानित है                                           6. दूसरा दुराचारी दुरव्यवहार करने वाला

Question - 3 : - आदमी नामा’ शीर्षक कविता के इन अंशो को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती है?

Answer - 3 : - ‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता के अंशों को पढ़कर हमारे मन में मनुष्य के प्रति यह धारणा बनती है कि उसकी प्रवृति केवल अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करना ही है लेकिन कुछ लोग परोपकारी भी हैं। कुछ दूसरों की मद्द करके खुशी महसूस करते हैं तो कुछ अपमानित करके खुश होते हैं। कुछ मनुष्य अच्छे हैं तो कुछ बुरे। अत: मनुष्य भाग्य और परिस्थितियों का दास है।

Question - 4 : - इस कविता का कौन-सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों?

Answer - 4 : -

 इस कविता में मनुष्य के विभिन्न रूप दिखाए गए हैं। यही भाग बहुत अच्छा है −

दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी

और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी

ज़रदार बेनवा है सो है वो भी आदमी

निअमत जो खा रहा है वो भी आदमी

टुकड़े चबा रहा है सो है वो भी आदमी

Question - 5 : -  आदमी की प्रवृतियों का उल्लेख कीजिए।

Answer - 5 : - ‘आदमी नामा’ कविता के आधार पर आदमी की प्रवृतियाँ विभिन्न हैं। कुछ लोग बहुत अच्छे होते हैं कुछ लोग बहुत बुरे होते हैं। कुछ मस्ज़िद बनाते हैं, कुरान शरीफ़ का अर्थ बताते हैं तो कुछ वहीं जूतियाँ चुराते हैं कुछ जान न्योछावर करते हैं, कुछ जान ले लेते हैं। कुछ दूसरों को सम्मान देकर खुश होते हैं तो कुछ अपमानित करके खुशी महसूस करते हैं।

Question - 6 : -
निम्नलिखित अंशों को व्याख्या कीजिए −

(क) दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी

(ख) अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर

Answer - 6 : -

(क) इस दुनिया में हर तरह का आदमी है। कुछ आदमी बादशाह जैसे ठाट-बाट से जीते हैं तो कुछ गरीबी में ही जीते हैं। दोनों ही स्थितियों में बहुत अन्तर है।

(ख) इस दुनिया में कुछ लोग बहुत ही शरीफ़ होते हैं तो कुछ लोग बहुत ही खराब स्वभाव के। कुछ वजीर, कुछ बादशाह होते हैं। कुछ स्वामी तो कुछ सेवक होते हैं, कुछ लोगों के दिल काले होते हैं।

Question - 7 : -
निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए −

(क) पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
जो उनको ताड़ता है सो है वो भी आदमी

(ख) पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी
चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
और सुन के दौड़ता है सो है वो भी आदमी

Answer - 7 : -

(क) इन पंक्तियों में अभिव्यक्त व्यंग्य यह है व्यक्ति-व्यक्ति की रूचि और कार्यों में अंतर होता है। मनुष्य अच्छा बनने पर आए तो वह कुरआन पढ़ने वाला और नमाज़ अदा करने वाला सच्चा धार्मिक भी बन सकता है और यदि वह दुष्टता पर आए तो वह जूतियाँ चुराने वाला भी बन सकता है। कुछ लोग बुराई पर नज़र रखने वाले भी होते हैं। इन सभी कामों को करने वाले आदमी ही तो हैं। मनुष्य के स्वभाव में अच्छाई बुराई दोनों होते हैं परन्तु वह किधर चले यह उस पर ही निर्भर करता है।

(ख) इन काव्य पंक्तियों में निहित व्यंग्य यह है कि मनुष्य के विविध रूप हैं। एक व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का अपमान कर बैठता है तो कोई किसी को मदद के लिए पुकारता है। उसकी पुकार सुनते ही कोई दयावान उसकी मद्द के लिए भागा चला आता है। अत: मनुष्य में अच्छाई, बुराई दोनों ही हैं। यह उस पर निर्भर करता है कि वह किधर चल पड़े।

Question - 8 : -
नीचे लिखे शब्दों का उच्चारण कीजिए और समझिए कि किस प्रकार नुक्ते के कारण उनमें अर्थ परिवर्तन आ गया है।

राज़ (रहस्य) फ़न (कौशल)
राज (शासन) फन (साँप का मुहँ)
ज़रा (थोड़ा) फ़लक (आकाश)
जरा (बुढ़ापा) फलक (लकड़ी का तख्ता)
ज़ फ़ से युक्त दो–दो शब्दों को और लिखिए।

Answer - 8 : -

बाज़              बाज
नाज़             नाज
कफ़           कफ
फ़क्र            फक्र

Question - 9 : -
निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग वाक्यों में कीजिए −

(क) टुकड़े चबाना
(ख) पगड़ी उतारना
(ग) मुरीद होना
(घ) जान वारना
(ङ) तेग मारना

Answer - 9 : -

(क) टुकड़े चबाना − मज़दूर मेहनत करके भी सूखे टूकड़े चबाता है।

(ख) पगड़ी उतारना − ठाकुर दास ने भरी पंचायत में मोहनदास की पगड़ी उतारने में कोई कसर न छोड़ी।

(ग) मुरीद होना − उसकी बातें सुनकर मैं तो उसका मुरीद बन गया।

(घ) जान वारना − गणेश अपने भाई पर जान वारता है।

(ङ) तेग मारना − दुष्ट स्वभाव के लोग ही दूसरों को तेग मारते हैं।

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